मोतियाबिंद की रोकथाम और पोषण
उम्र संबंधी मोतियाबिंद आज की दुनिया में अंधता का एक अग्रणी कारण है। इस समय मोतियाबिंद का केवल एक उपचार है, जिसमें धुंधले हो चुके लेंस को सर्जरी द्वारा हटा दिया जाता है और आमतौर पर सर्जरी के दौरान उसके स्थान पर एक इंट्राऑकुलर लेंस (IOL) लगा दिया जाता है।.
हालांकि मोतियाबिंद का सही-सही कारण अज्ञात है, पर विशेषज्ञों का मानना है कि ऑक्सिडेटिव तनाव आंख के प्राकृतिक लेंस में मौजूद कुछ एंज़ाइमों और प्रोटीनों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे लेंस धुंधला हो जाता है।
और हालांकि कुछ शोध से विरोधाभासी नतीजे मिले हैं, पर कई अध्ययनों में एंटीऑक्सीडेंट और कुछ विटामिनों से समृद्ध स्वस्थ आहार के सेवन से मोतियाबिंद के या उसके बढ़ने के जोख़िम में कमी होती देखी गई है।
आहार, ऑक्सिडेटिव तनाव और मोतियाबिंद
जब शरीर में घूम रहे हानिकारक फ़्री रेडिकल्स और उन पर नियंत्रण रखने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स के बीच का संतुलन बिगड़ जाता है तो ऑक्सिडेटिव तनाव उत्पन्न होता है।
फ़्री रेडिकल्स ऐसे परमाणु या परमाणुओं का समूह (अणु) होते हैं जो उनमें असंयुक्त इलेक्ट्रॉन्स की उपस्थिति के कारण अन्य परमाणुओं और अणुओं से अत्यधिक अभिक्रियाशील होते हैं।
शरीर में, फ़्री रेडिकल आमतौर पर ऑक्सीजन का एक अणु होता है जो किसी अन्य अणु से एक इलेक्ट्रॉन ले कर स्वयं को स्थिर बनाता है, फिर वह अन्य अणु किसी तीसरे अणु से इलेक्ट्रॉन लेने की कोशिश करता है, और इसी प्रकार यह शृंखला चलती रहती है।
फ़्री रेडिकल्स अंगों व अन्य ऊतकों की सामान्यतः स्वस्थ कोशिकाओं से इलेक्ट्रॉन चुरा कर शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। स्वस्थ कोशिकाओं से इलेक्ट्रॉन चुराने की इस प्रक्रिया को ऑक्सीडेशन (ऑक्सीकरण) कहते हैं।
आंख में, ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया लेंस में मौजूद प्रोटीनों और वसाओं को इस सीमा तक प्रभावित कर देती है कि लेंस क्षतिग्रस्त और धुंधला हो जाता है, जिससे मोतियाबिंद का जन्म होता है। स्वस्थ खाद्य पदार्थों के, विशेष रूप से एंटीऑक्सीडेंट्स से युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन द्वारा फ़्री रेडिकल्स के नुकसान की रोकथाम करने से, इस प्रक्रिया को धीमा करने में मदद मिल सकती है।
हमारी आंखों और बाकी शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ़्री रेडिकल्स अस्वस्थ खाद्य पदार्थों के सेवन से, प्रदूषण या रसायनों के संपर्क से, धूम्रपान से और पराबैंगनी (अल्ट्रावॉयलेट) विकिरण से उत्पन्न हो सकते हैं।.
कुछ फ़्री रेडिकल्स सामान्य दैनिक उपापचय (मेटाबोलिज़्म) से उत्पन्न होते हैं, जिसका यह अर्थ है कि जिन लोगों में ये जोख़िम कारक नहीं हैं उन्हें भी स्वस्थ खाद्य पदार्थों में मिलने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स चाहिए होते हैं।
स्वस्थ खाद्य पदार्थ और मोतियाबिंद की रोकथाम
रंग-बिरंगे फलों, सब्जियों और साबुत अनाज वाला आहार लगातार लेने वाले लोगों में मोतियाबिंद का जोख़िम घट सकता है। विटामिन A, C और E, ल्यूटिन और ज़ीज़ैन्थिन फलों व सब्जियों में पाए जाने वाले उन एंटीऑक्सीडेंट विटामिन और फायटोकेमिकल्स (पादप-रसायनों) में से हैं जो मोतियाबिंद का जोख़िम घटा सकते हैं।
मछलियों में ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड की उच्च मात्रा होती है और इसके सेवनको भी मोतियाबिंद या उसके बढ़ने के जोख़िम में संभावित कमी से संबंधित पाया गया है।
यहां एक हालिया शोध का एक नमूना है जो बताता है कि स्वस्थ आहार और नेत्रों हेतु लाभकारी विटामिनों के सेवन से मोतियाबिंद की रोकथाम में मदद मिल सकती है:
49 वर्ष एवं इससे अधिक आयु वाली 30,000 से भी अधिक महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में, स्वीडन के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं के आहार में कुल एंटीऑक्सीडेंट क्षमता (टोटल एंटीऑक्सीडेंट केपेसिटी, TAC) सर्वोच्च थी उनमें मोतियाबिंद होने की संभावना, एंटीऑक्सीडेंट की कम मात्रा वाला आहार लेने वाली महिलाओं की तुलना में, उल्लेखनीय रूप से कम थी। अध्ययन समूह में आहारीय TAC में योगदान देने वाले मुख्य खाद्य पदार्थ थे फल व सब्जियां (44.3 प्रतिशत), साबुत अनाज (17.0 प्रतिशत) और कॉफ़ी (15.1 प्रतिशत)।
एक 1,600 से अधिक वयस्कों वाले ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन में, शोधकर्ताओंं ने पाया कि कुल कार्बोहायड्रेट सेवन के मामले में शीर्ष 25 प्रतिशत में आने वाले व्यक्तियों में मोतियाबिंद होने का जोख़िम, कार्बोहायड्रेट सेवन के मामले में निम्नतम 25 प्रतिशत में आने वाले लोगों की तुलना में तीन गुना से भी अधिक था।
आयोवा, विस्कॉन्सिन और ओरेगॉन में वयस्क महिलाओं पर किए गए एक विशाल अध्ययन में पाया गया कि विभिन्न प्रकार के विटामिनों और खनिजों से समृद्ध खाद्य पदार्थों के सेवन से मोतियाबिंद के विकास को टालने में मदद मिल सकती है।
उन्हीं शोधकर्ताओं द्वारा इससे पहले प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं के आहार ल्यूटिन और ज़ीज़ैन्थिन से समृद्ध थे उनमें मोतियाबिंद होने की दर, कैरोटेनॉइड वर्ग के इन यौगिकों का कम सेवन करने वाली महिलाओं की तुलना में कम थी।
ऑस्ट्रेलिया में 2,400 से भी अधिक वयस्कों पर किए गए एक 10-वर्षीय अध्ययन में पाया गया कि विटामिन C के अधिक सेवन या कई एंटीऑक्सीडेंट के संयुक्त सेवन से इस जनसंख्या में मोतियाबिंद का जोख़िम घट गया था।
एक जापानी अध्ययन में प्रभावित आंखों के लेंसों में एंटीऑक्सीडेंट के घटे हुए स्तरों के साथ जुड़े ऑक्सीडेटिव तनाव और मोतियाबिंद के होने के बीच संबंध पाया गया।
हालांकि, अन्य अध्ययन पोषक सप्लीमेंट और मोतियाबिंद के जोख़िम में कमी के बीच संबंध दिखाने में विफल रहे हैं।
अमेरिकी नेशनल आई इंस्टीट्यूट द्वारा प्रायोजित दो दीर्घकालिक आयु-संबंधी नेत्र रोग अध्ययनों (AREDS और AREDS2) में से किसी में भी विटामिन C, विटामिन E और ज़िंक से युक्त (बीटा-कैरोटिन, ल्यूटिन और ज़ीज़ैन्थिन, एवं ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड युक्त या रहित) दैनिक मल्टीविटामिन सप्लीमेंट के उपयोग से मोतियाबिंद की रोकथाम होती या उसके बढ़ने की गति धीमी पड़ती नहीं देखी गई।
और हालांकि अध्ययन में मोतियाबिंद के रोकथाम से जुड़े सभी पोषकतत्व, एंटीऑक्सीडेंट और फायटोकेमिकल (पादप-रसायन) नेत्र विटामिनों और दृष्टि सप्लीमेंट में मिल जाते हैं, पर बहुत से विशेषज्ञों का मानना है कि हमें ये पदार्थ पोषक सप्लीमेंट की बजाय स्वस्थ आहार से प्राप्त करने चाहिए।
पर यदि आपके आहार में मुख्य पोषक तत्वों की इसलिए कमी है क्योंकि आप फल व सब्जियां पर्याप्त मात्रा में नहीं खाते, तो एक या अधिक दैनिक पोषक सप्लीमेंट लेना समझदारी की बात हो सकती है ताकि सुनिश्चित हो सके कि आपको आंखों का स्वास्थ्य उपयुक्ततम स्थिति में बनाए रखने के लिए जो भी पोषक तत्व चाहिए वे आपको मिल रहे हों।
नेत्र विटामिन एवं अन्य पोषक सप्लीमेंट का सेवन शुरू करने से पहले, आंखों के किसी डॉक्टर से परामर्श करें। कुछ मामलों में, किसी विटामिन या पोषकतत्व विशेष की अत्यधिक मात्रा का सेवन, आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
उत्तम दृष्टि के लिए अपने आहार में करें सुधार
तो स्वस्थ आहार आख़िर है क्या?
स्वस्थ आंखों के लिए उत्तम पोषण प्रदान करने वाले स्वस्थ आहार में हर दिन फल व सब्जियों के पांच से नौ सर्विंग, हर दिन 100 प्रतिशत साबुत अनाज के कम-से-कम तीन सर्विंग, और हर सप्ताह मछली के दो सर्विंग होते हैं।
कुल कैलोरी सेवन बस इतना हो कि आपका भार, आपके गतिविधि के स्तर और उपापचय (मेटाबोलिज़्म) के आधार पर, उचित स्तर पर बना रहे।
गहरे हरे और रंग-बिरंगे फल व सब्जियां नेत्र-हितैषी एंटीऑक्सीडेंट के अच्छे स्रोत हैं। उनमें फ़ोलिक एसिड और कैल्शियम भी होता है — ये महत्वपूर्ण पोषकतत्व हैं जो मोतियाबिंद का जोख़िम घटाने में भी मदद कर सकते हैं और इन्हें स्वस्थ आहार में शामिल किया जाना चाहिए।
स्वस्थ आहार कायम रखने के लिए, तले-भुने भोजन, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों, शक्कर की अधिक मात्रा वाले स्नैक्स और सॉफ़्ट ड्रिंक्स से परहेज़ भी समान रूप से महत्वपूर्ण है — इन सभी का मोतियाबिंद, मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोख़िम में वृद्धि से संबंध प्रतीत होता है।
पेज प्रकाशित किया गया Wednesday, 21 April 2021